भारत राष्ट्र को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए अनेक तरह की प्रयास किया जा रहा है, और हम ज्ञान से बस विश्व गुरु नही बन सकते है इसलिए स्वच्छ भारत का संकल्प लिया गया है ताकि पूरी दुनिया भारत से शिक्षा ले सके और अपने आसपास को स्वच्छ रख सके। भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) आरम्भ किया गया है और यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका वर्तमान समय मे मुख्य उद्देश्य गलियों, सड़कों एवं अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना एवं कूड़ा साफ रखना है। भारत को स्वच्छ बनाने के लिए इस अभियान का प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि कचरे का निपटारा आसानी से किया जा सके, इसलिए कचरा प्रबंधन की गाड़ी डोर टू डोर कचरा लेने जा रही है।
स्वच्छ भारत अभियान क्या है?
भारत राष्ट्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा इस अभियान की शुरूआत महात्मा गांधी के 145 वी जयंती पर राजघाट, नई दिल्ली से 2 अक्टूबर 2014 में शुरू किया गया था। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) ने देश को दासता से मुक्त करने में अपना जीवन न्योछावर कर दिया और उनका एक सपना अधूरा रह गया था और ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना पूरा नही हो सका था। इसके साथ ही महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने का संकेत दिया था तथा उन्हें स्वच्छता से सम्बन्धी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट सन्देश दिया था, उन्हीं के संकल्पना को पूरा करने का बीड़ा भारत राष्ट्र के सभी वर्ग के लोगों ने वर्तमान समय मे उठाया है।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य
वर्तमान समय में सभी लोग स्वच्छता में रहना पसंद करते है और स्वच्छ भारत का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति, क्लस्टर एवं सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से वर्तमान में खुले में शौच की समस्या को कम करना है या फिर इसे जड़ से खत्म करना है। भारत के समक्ष सबसे बड़ी समस्या खुले में शौच था, लेकिम सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाने के लिए महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगाँठ तक ग्रामीण क्षेत्र में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लगभग 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया है, और खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य को पूरा किया गया है।
भारत के टॉप 10 स्वच्छ शहर
हर साल स्वच्छता अभियान चलाया जाता है और इसके लिए अनेक तरह की जागरूकता अभियान संचालन किया जा रहा है, और हर साल टॉप शहरों का नाम सूची तैयार किया जाता है जो साफ सुधरा होता है, टॉप 10 स्वच्छ शहर के नाम निम्न है-
- इंदौर (लगातार तीन बार सबसे स्वच्छ शहर रहा है।)
- भोपाल
- चंडीगढ़
- नई दिल्ली
- विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
- सूरत (गुजरात)
- राजकोट (गुजरात)
- गंगटोक (सिक्किम)
- पिंपरी चिंचवड (महाराष्ट्र)
- ग्रेटर मुंबई (महाराष्ट्र)
स्वच्छ भारत अभियान की पृष्ठभूमि
इस योजना की शुरुआत 1999 में , भारत सरकार ने व्यापक ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम का पुनर्गठन किया था तथा पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) शुरू किया गया था, इसका नाम 2012 में मनमोहन सरकार ने निर्मल भारत अभियान (एनबीए) कर दिया था, वही मोदी सरकार में स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितंबर 2014 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने पर इसे निर्मल भारत अभियान का पुनर्गठन किया गया था, वर्तमान समय मे इस योजना का नाम स्वच्छ भारत अभियान है।
स्वच्छ भारत अभियान की जरूरत
यदि वर्तमान समय मे स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) की शुरूआत नही होती तो स्वच्छ भारत का सपना अधूरा रह जाता क्योकि वर्तमान समय मे इतना अधिक गंदगी हो गया है कि इसे साफ करने में 10-20 साल लग जायेगा, इसलिए इस पहल की शुरूआत के लिए वर्तमान समय बेहतरीन है। स्वस्थ एवं शारीरिक विकास के लिए स्वच्छता बहुत ही जरूरी है, मानव विकास में स्वच्छता का हाथ होता है।
वर्तमान समय मे फ्लशिंग टॉयलेट के माध्यम से मैनुअल स्कैवेंजिंग सिस्टम को खत्म करने की जरूरत है तथा इसके स्थान पर बायोमेट्रिक शौचालय को अपनाया जाना चाहिए। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, ऐसे में इसके लिए नुक्कड़ नाटक एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है।
स्वच्छ भारत अभियान शहरी क्षेत्रों में
वर्तमान समय मे शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है, कचरे का निपटारा सही जगह करने की हिदायत दिया जा रहा है, एवं इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में इस मिशन के माध्यम से वर्तमान समय मे सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी कराया जा रहा है, एवं इस मिशन के माध्यम से बस स्टेशन, पर्यटन स्थल, रेलवे स्टेशन, एवं बाजार आदि समेत कई जगहों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है, जिससे कोई व्यक्ति खुले में शौच न करे। स्मार्ट सिटी के माध्यम से शहरों को साफ सुधरा रखने के लिए डोर टू डोर कचरे गाड़ियां जा रही है।
स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में
भारत गांवों में बसता है, और ऐसे में वर्तमान समय मे हमे शहर से गांव की ओर जाने की जरूरत है, और 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा, और इसमे करीब 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये खर्च आयेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, एवं जिला परिषद आदि स्तर पर स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब कचरे की निपटारा व्यवस्थित ढंग से किये जाने लगे है।
स्वच्छ भारत अभियान का लाभ
- वर्तमान समय मे सम्पूर्ण भारत मे जागरूकता सृजन तथा स्वास्थ्य शिक्षा के मदद से स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा मिला रहा है, लोगों में जागरूकता का संचार हो रहा है।
- सफाई के प्रति लोगों के मन में जागरूकता आ रही है तथा लोग अब पहले की अपेक्षा पब्लिक प्लेस में डस्टबिन का उपयोग कचरा फेंकने के लिए करते है।
- ग्रामीण क्षेत्रों के सामान्य जीवन स्तर में बदलाव आया है, वे सभी कचरों का निपटारा करना सीख रहे है।
- भारत का अधिकतर गांव ODF घोषित हो चुका है और लोग अब खुले में शौच करना लगभग बंद कर दिए है।
- अलग अलग स्तर में सफाई कर्मियों की नियुक्ति किया गया है जिससे हमारा आसपास हमेशा साफ सुधार रहता है।
- कचरे का उपयोग वर्तमान समय मे जैव उर्वरक एवं ऊर्जा के रूप में किया जा रहा है।
- गीले कचरों का खाद बनाया जा रहा है।
- कचरों से बिजली उत्पादन किया जा रहा है।
- अधिकतर अपशिष्ट पदार्थों का रीसायकल किया जा रहा है और इसे रीसायकल के मदद से रियूज़ में लाया जा रहा है।
- गली मोहल्लों में अब कचरों का ढेर नही रहता है।
- सीपेज लिंक को साफ सुधरा रखा जा रहा है, पानी निकास की समस्या से छुटकारा मिला है।
स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा किया गया था, तथा इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत राष्ट्र को स्वच्छ एवं सुंदर बनाना है। भारत एक समृद्धशाली देश है और वर्तमान समय मे भारत को ऐसा राष्ट्र बनाना है जो दुनिया को रास्ता दिखा सके। वर्तमान समय मे इस मिशन के माध्यम से भारत महात्मा गांधी जी के स्वच्छ भारत सपना को पूरा कर रहा है।