हमारा देश भारत इस समय कोरोना की महामारी से प्रभावित है जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। इस महामारी का असर हर छोटे और बड़े व्यापारियों पर पड़ा है जिसके कारण बहुत सारी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है जो कि भारत में रहने वाले लोगो के लिए बेरोजगारी और नौकरी की समस्या खड़ी कर रहा है। भारत की सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक योजना की शुरुआत की है जिसका नाम है आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Aatmnirbhar Bharat Rozgar Yojana) जिसको 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक के लिए लागु किया गया है। इस योजना का एलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 नवंबर के माह में किया है|
इस योजना के अंतर्गत रोजगार देने वाली कंपनियां और रोजगार लेने वाले लोग दोनों को लाभ मिलने की सुविधा है जिसके कारण कंपनियां और काम की तलाश कर रहे लोग दोनों ही इस योजना से प्रोत्साहित होंगे। इस आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत उन लोगों को फायदा पहुँचाया जाएगा, जिन्होंने 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 के बीच में नौकरियां ज्वाइन की है या करेंगे। इस योजना में करीब 58.8 लाख कर्मचारियों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है। भारत सरकार में श्रम मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार द्वारा कहा गया है कि इस योजना में मौजूदा वित् वर्ष में करीब 1,584 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि इस पूरी योजना की अवधि 2020 से 2023 तक के बीच में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना पे करीब 12,810 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
क्या है आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना?
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Aatmnirbhar Bharat Rozgar Yojana) के अंतर्गत 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 के अंतराल में नई नौकरियां पाने वाले एप्म्लोईस और नौकिरयां देने वाले एम्प्लायर के दो साल के रिटायरमेंट फंड कंट्रीब्यूशन (Retirement Fund contribution) यानी की भविष्य निधि (Provident Fund) का खर्चा सरकार सब्सिडी के रूप में देगी। प्रोविनेन्ट फण्ड के अंतर्गत एम्प्लोयी और एम्प्लॉयरे द्वारा 12 – 12 फीसदी की मासिक सैलरी की राशि काटी जाती है।
इस योजना के अंतर्गत इन्ही १२ – १२ फीसदी की राशि को साल 2020 से 2023 तक के लिए भारत सरकार द्वारा सब्सिडाइज्ड किया जाएगा । जब कोई कंपनी 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 के बीच 1000 लोगो को नौकरी प्रदान करती है तो उस संभावना में इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार एम्प्लायर और नए एम्प्लोयी दोनों की रिटायरमेंट फंड कंट्रीब्यूशन की 12 – 12 फीसदी की राशि का भुगतान 2020 से ले के 2023 तक करेंगे साथ ही अगर कोई कंपनी 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 की अवधि में 1000 से जायदा एम्प्लोयी को नौकरी प्रदान करते हो तो उस परिदृश्य में सरकार सिर्फ और सिर्फ एम्प्लोयी की रिटायरमेंट फंड कॉन्ट्रीब्यूशन के 12 फीसदी का भूगतान साल 2020 से ले के 2023 तक करेंगे।
किसे मिलेगा लाभ इस योजना से?
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के नियम एवं शर्तों के अनुसार ऐसी हरएक सामान्य कंपनी जो कि इ.पी.एफ.ओ यानि कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) में रजिस्टर हो वो इस योजना का लाभ उठा सकेगी। इस योजना में लाभान्वित होने के लिए अधिकतम 50 एम्प्लोयी वाली कंपनी को कम से कम 2 नए एम्प्लोयी को नौकरी प्रदान करनी होगी और जिन कंपनियों में 50 से ज्यादा एम्प्लोयी है उन्हें कम से कम 5 नए एम्प्लोयी को नौकरी प्रदान करनी होगी इसके साथ ही ये नौकरियां 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 के बीच की अवधि में दी गई होनी चाहिए।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Aatmnirbhar Bharat Rozgar Yojana) में मासिक वेतन को भी ले के प्रावधान दिया गया है जिसके अनुसार अगर कोई कर्मचारी 1 अक्टूबर 2020 से पहले किसी कंपनी में कार्यरत है और वो कंपनी इ.पी.एफ.ओ यानि कि एम्प्लाइज प्रोविडेंट फण्ड आर्गेनाईजेशन में रजिस्टर हो और साथ ही उस कार्यरत कर्मचारी की मासिक श्रम राशि 15000 या फिर उससे कम हो तो उस सिचुएशन में भी सरकार उस कर्मचारी को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत लाभ उठाने का मौका देगी।
भारत सरकार ने इस योजना से उन लोगो को भी लाभ देने का प्रावधान किया है जिनकी नौकरी 1 मार्च 2020 से 30 सितम्बर 2020 के बीच में कोरोना महामारी के दौरान चली गई हो और उसके बाद उन्होंने एम्प्लाइज प्रोविडेंट फण्ड आर्गेनाईजेशन में रजिस्टर किसी संस्था में नौकरी नहीं की हो तो भी भारत सरकार उन लोगों को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Aatmnirbhar Bharat Rozgar Yojana) के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों में शामिल करेगी।