उत्तराखंड राज्य का अधिकतर हिस्सा पहाड़ में है, और वर्तमान समय में पहाड़ में रहने वाले किसान जो पशुपालन करते है वह पशुपालन करने के लिए संकोच कर रहे है क्योंकि पौष्टिक व गुणवत्तायुक्त चारे की कमी के कारण दुग्ध उत्पादन में लगातार कमी आ रही है, जिससे पशुपालक किसानों को घाटा हो रहा है, और हाल ही में उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के हित को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना (Mukhyamantri Ghasiyari Kalyan Yojana) की शुरुआत की गयी है और इस योजना के माध्यम से पशुपालकों को पौष्टिक पशु आहार उपलब्ध करवाया जाएगा, इसके माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी। यदि आप इस योजना के बारे में जानना चाहते हैं तब इस पोस्ट में इस योजना से संबंधित सभी जानकारी मौजूद है।
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना क्या है
इस योजना की शुरुआत माननीय गृह व सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपस्थिति में 30 अक्टूबर 2021 को किया गया था। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अब पशुपालकों को पशु आहार (साइलेज) के वैक्यूम बैग उपलब्ध करवाए जाएंगे, और यह बैग 25 से 30 किलो के होंगे और इस पशुपालकों को पौष्टिक पशु आहार के लिए कही जाने की आवश्यकता नही पड़ेगी। अब राज्य सरकार द्वारा पौष्टिक आहार नजदीकी सहकारी मंडी में उपलब्ध कराया जाएगा, जहां से पशुपालक आसानी से पौष्टिक आहार प्राप्त कर सकता है।
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की विशेषता
इस योजना के माध्यम से अब पशुपालकों को पौष्टिक आहार आसानी से मिल सकेगा, और इस योजना की मुख्य विशेषता निम्न है–
- इस योजना के तहत 7,771 केंद्रों के माध्यम से सुदूर ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों में पशुओं के लिये पशुपालकों को पौष्टिक चारे प्रदान किये जायेंगे।
- इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड राज्य के सभी क्षेत्रों के पशुपालकों को पैकेज्ड साइलेज व टोटल मिक्सड राशन प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना का संचालन उत्तराखंड राज्य के सहकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा है।
- इस योजना के माध्यम से पशुपालक परिवार की हर महिला को राज्य सरकार के द्वारा एक किट दी जाएगी, और इस किट में दो कुदाल, दो दरांती, एक पानी की बोतल व एक टिफिन आदि मौजूद रहेगा।
- राज्य के सभी पशुओं के लिए पौष्टिक व गुणवत्ता युक्त चारा उपलब्ध करवाया जायेगा।
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य के सभी पशुपालकों को पशुओं के लिए पौष्टिक और गुणवत्ता आहार उपलब्ध कराना है, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी। उत्तराखंड राज्य के अधिकतर लोग पशुपालन एवं कृषि पर निर्भर है, ऐसे में सरकार द्वारा पौष्टिक व गुणवत्ता युक्त आहार उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि पशुपालन करने वाली की संख्या में वृद्धि हो और किसानों का आय में वृद्धि हो। अब उत्तराखंड राज्य के पशुपालकों को चारा लाने के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि सरकार द्वारा पशुओं के लिए चारा उपलब्ध करवाया जा रहा है, और इससे पशुओं के स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकेगा और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का लाभ
- इस योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में 15 से 20 फीसदी वृद्धि होगी।
- पशुपालकों के आय में वृद्धि होगी।
- अब पशुपालकों को पशुओं के लिए पौष्टिक व गुणवत्ता युक्त आहार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
- पशुपालकों के समय व श्रम की बचत होगी।
- इस योजना के माध्यम से पशुपालकों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
- इस योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में कमी को दूर करने में सहायक होगा।
- इस योजना के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्र की कृषकों की पशुपालन में रूचि बढ़ेगी।
- अब पशुओं के स्वास्थ्य को भी सुधारा जा सकेगा, क्योंकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रीशन मिलने लगा है।
घस्यारी कल्याण योजना के लिए योग्यता
- आवेदक को उत्तराखंड राज्य का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदक को पशुपालक होना चाहिए।
- इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास दुधारू पशु होना अनिवार्य है।
- आवेदक किसी तरह के लाभ के पद पर न हो।
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण
- आयु प्रमाण
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए आवेदन कैसे करें–
इस योजना का क्रियान्वयन उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा किया गया है और इस योजना का लाभ उठाने के लिए अब तक राज्य सरकार द्वारा पोर्टल या वेबसाइट लॉन्च नही किया गया है। वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा इस योजना की घोषणा की गयी है।
वर्तमान समय में इस योजना का संचालन उत्तराखंड राज्य सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा है, और इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड राज्य के पशुपालकों को पशुओं के लिए पौष्टिक चारे उपलब्ध कराना है, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो, और किसान के आय दुगुनी हो।